डॉक्टर रहे हड़ताल पर भटकते रहे मरीज
सदर अस्पताल प्रांगण में आईएमए और भासा के द्वारा पूर्णबंदी का आह्वान किया गया। जिसमें आईएमए के अध्यक्ष डॉ एसके वर्मा की अध्यक्षता में सदर अस्पताल सिविल सर्जन कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ एसके वर्मा ने कहा कि हाजीपुर में ड्यूटी पर तैनात डॉ अरविंद कुमार को मारपीट करने वाले डीएसपी के खिलाफ मामला दर्ज करने, उनकी गिरफ्तारी करने एवं उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के द्वारा दो दिनों के अंदर डीएसपी पर कार्रवाई नहीं की गई तो फिर पूरे बिहार में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसका निर्णय केंद्रीय टीम की बैठक के बाद लिया जाएगा। इस मौके पर डॉ दिव्यांजलि सिंह, डॉ विजय कुमार, डॉ सुधांशु, डॉ एमडी सिंह, डॉ पीएन ठाकुर, डॉ एनके झा, डॉ पूनम प्रभा के अलावे दर्जनों की संख्या में चिकित्सक मौजूद थे।
दिनभर भटकते रहे मरीज :
सदर अस्पताल में ओपीडी बंद रहने से कई मरीज बैरंग वापस लौट गए तो गंभीर मरीज इमरजेंसी वार्ड में दिखाकर घर लौट गए। बंदी की जानकारी नहीं रहने के कारण अन्य दिनों की तरह सुबह से मरीजों का तांता ओपीडी के काउंटर पर लगने लगा। हालांकि कई मरीज घंटों तक डॉक्टर का इंतजार करते रहे कि दोपहर बाद भी उनका इलाज होगा लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। कई ऐसे मरीज भी थे जो पूर्णिया के अलावा अन्य जिलों से भी अपना इलाज कराने सदर अस्पताल के ओपीडी में पहुंचे थे। ऐसा ही एक मामला ओपीडी के बाहर देखने को मिला। 80 वर्षीय मो हासिम आलम कटिहार जिले के गेड़ाबाड़ी से इलाज कराने यहां पहुंचे थे। उन्हें दम फूलने की शिकायत है और उन्होंने कहा कि वे सुबह आठ बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे लेकिन डॉक्टर के नहीं पहुंचने के कारण काफी परेशानी हुई। हालांकि इसके अलावे भी कई महिला मरीज भी भटकती नजर आईं। काझा कोठी के बिंदेश्वरी शर्मा की पत्नी तारा देवी की भी तबियत काफी खराब थी लेकिन उन्हें भी डॉक्टर नहीं देख सके। इसी तरह के अररिया जिले के भरगामा प्रखंड की नीलू देवी, सीमा देवी, मुन्नी देवी भी सुबह से ही आकर लाइन में खड़ी थी लेकिन उन्हें चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पाई।