बिहार समेत पूरे देश में हर साल 12 लाख कैंसर के मरीज़, 5 लाख की हो रही मौत

कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में जागरूकता की सबसे अहम भूमिका है। कैंसर का विस्तार इतनी तेजी से हो रहा है कि अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले दिनों में स्वास्थ्य क्षेत्र में सभी बीमारियों को पीछे छोड़ते हुए कैंसर नंबर वन हो जाएगा।

विकसित देशों में तो इस बीमारी पर काफी हद तक स्थिति नियंत्रण में है लेकिन विकासशील देशों में इसे नियंत्रित करना आज भी एक बड़ी समस्या है। अगर इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हर दस लोगों में एक कैंसर पीड़ित होगा।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के बॉटनी सभागार में एनएसएस एवं कैंसर केयर इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में कैंसर से बचाव जागरूकता में एनएसएस की भूमिका विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान को संबोधित करते हुए पद्मश्री डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ने यह बातें कही।

कैंसर के कारण, उसके प्रकार, उससे लक्षण, बचाव के तरीकों आदि पर विस्तृत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कैंसर लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी है। इसमें बदलाव करके इसे टाला जा सकता है। आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में हर साल लगभग 12 लाख कैंसर के नए मरीज पाए जा रहे हैं।
वहीं लगभग पांच लाख लोगों की मौत कैंसर की वजह से हो चुकी है। साल 2000 तक मरीजों में पुरुष महिला का आंकड़ा लगभग बराबर था लेकिन आज यह बीमारी महिलाओं में 61 प्रतिशत है जबकि पुरुषों में 39 प्रतिशत। पिछले पंद्रह सालों में बच्चेदानी के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, मुंह के कैंसर, गॉल ब्लंडर लीवर के कैंसर, फेफड़ा का कैंसर आदि के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।

Article Source ~ L.B 


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