नक्सली हमले में शहीद के इन 2 मासूम बच्चों को है पिता का इंजतार
छत्तीसगढ़ में नक्सली से मुठभेड़ में शेखपुरा का लाल रंजीत कुमार भी शहीद हो गये है। शहीद होने की सूचना गांववालों को टीवी से प्राप्त हुई। इस खबर के बाद शहीद रंजीत की मां, पत्नी और पिता की हालत खराब है।
गांव में रंजीत की शहीद होने की सूचना आते ही गांव में मातमी सन्नटा पसरा है। चारों तरफ रोने की आवाज से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया।
शहीद की पत्नी ने सुनीता देवी ने कहा कि दो दिन पहले उनसे फोन से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि सब कुछ ठीक है। उन्होंने वायदा किया था कि गांव में यज्ञ कार्यक्रम में वो शामिल होने के लिए आएंगे।
शहीद रंजीत के दोस्त विकास ने बताया कि रंजीत काफी सामाजिक थे और गांव के सुख दुख में शामिल होने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। अपने लाल की अंतिम दर्शन को लेकर गांव में भीड़ जुटने लगी है।
रंजीत के बड़े भाई रवींद्र बंग्लूरु में प्राइवेट नौकरी करते हैं। शहीद रंजीत इंटर की पढ़ाई जमुई जिले के लोहड़ा कॉलेज से 2010 में पास करने के बाद 2011 में सीआरपीएफ की नौकरी ज्वाइन किया था। रंजीत की 2012 में शादी हुई और उनके दो बेटे 4 साल का सतीश और 2 साल का विकास है। रंजीत को क्रिकेट काफी पसंद था।
घर में मातम पसरा है और जवान के दोनों मासूम बच्चों को समझ में नहीं आ रहा है कि घर में क्या हो रहा है। मां का रो रो कर बुरा हाल है।
शहीद रंजीत की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गयी. लोगों का जमावड़ा फुलचोड़ गांव में जुटने लगा है. शेखपुरा के अरियरी थाना का फुलचोड गांव में शहीद के पार्थिव शरीर आने के इंतजार कर रहे हैं.
Article Source ~ L.B