वैशाली में मिली 3 मुखों वाली प्राचीन मूर्ति, लोगों ने माना त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु, महेश और शुरू कर दी पूजा

वैशाली के खनका पोखर में बुधवार को अवैध रूप से मिट्टी खुदाई हो रही थी। इसी दौरान मजदूरों को एक भारी भरकम पाल कालीन त्रिमुखी मूर्ति मिली।

तीन मुखों वाली इस मूर्ति को देख कर लोगों ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु महेश की मूर्ति है। यह गंधार शैली में काले पत्थर की बनी हुई है। इसकी लंबाई 124 सेमी और चौड़ाई 53 सेमी है। इसकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सूचना पर पहुंचे पुरातत्व विभाग के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. जेके तिवारी, वैशाली म्यूजियम के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन ने मूर्ति का अवलोकन किया घटनास्थल का निरीक्षण कर खुदाई पर तत्काल रोक लगा दी , बाद में विचार-विमर्श कर उस मूर्ति को गढ़ के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित मूर्ति-विहीन बालाजी मंदिर में बरामद मूर्ति की स्थापना कर पूजा-पाठ शुरू कर दिया गया है।

वैदिक कर्मकांड के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु महेश की परिकल्पना समग्र सृष्टि की रचना, पालन संहार के प्रतीक है। प्राक् ऐतिहासिक काल से ही यह क्षेत्र समृद्ध और बौद्धिक रूप से विकसित रहा है जिसमें त्रिदेव की परिकल्पना शाश्वत है। यही कारण है कि वैशाली में प्राचीन मूर्तियां मिलती है।

बताया जाता है कि वैशाली गढ़ के चारों तरफ का क्षेत्र प्रतिबंधित है। किसी भी तरह की खुदाई कार्य पर रोक है .फिर भी बुधवार को पोखर से मिट्टी की खुदाई कराई जा रही थी। इस दौरान मूर्ति के सामने आते ही खुदाई कराने वाला व्यक्ति उसे ढंक कर भाग चला।

लेकिन, मजदूरों ने इसकी सूचना स्थानीय लोगों को दी। तब लोगों ने मूर्ति को पोखर से निकाला। इसकी सूचना पुरातत्व विभाग को दी गई। बताया जाता है कि बालाजी मंदिर में स्थापित स्वर्ण मंदिर की सत्तर के दशक में चोरी हो गई थी।

स्थानीय लोगों की पहल पर अधिकारियों ने बरामद मूर्ति को तत्काल उसमें रख कर पूजा-आराधना की अनुमति दे दी। उधर, वैशाली डेवलपमेंट कमेटी के संयुक्त निदेशक डाॅ. रामनरेश राय ने कहा है कि वैशाली में मिली तीन मुखों वाली मूर्ति अष्टधातु की हो सकती है जिसका की कीमत करोड़ों में हो सकता है।

Article Source ~ E.B.S.P.B 


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