लालू परिवार के जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा है तो क्या गलत?
जमीन किसने किसको क्यों दी यह सब तो जाँच के बाद पता चलता है और जाँच तभी होगा जब जनता चाहेगी. फ़िलहाल जो खबर है उसके मुताबिक लालू यादव ने कहा है कि मॉल की जमीन उनके परिवार यानी दोनों बेटे और राबड़ी देवी के नाम पर है. एक कंपनी ने उनके इस जमीन पर मॉल बनाने का फैसला लिया तो उनकी किस्मत और चमक गई अब उनकी जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा है..गरीब और गरीबों के पक्षकार रहे लालू यादव ने अपनी पूरी जिंदगी गरीबों की मदद और उनकी राजनीति में लगा दी…
अब वो भी अमीर हो गये है क्योंकि जब उनके जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन जायेगा तो मुझे लगता है कि अरबपति को अमीर ही कहना चाहिए न…इस मॉल से गरीबों का भी बहुत भला होगा..उनकों काम मिलेगा पोछा लगाने का, झाड़ू लगाने का, मेंटेनेंस का, गार्ड का…अमीर अपने दुकान लगायेंगे…और अमीर ही उसमें घूमेंगे…खैर हमें क्या दिक्कत होना चाहिए एक गरीब आगे बढ़ गया अब सबका विकास करेगा..बीजेपी वाला भी तो सब अपना मॉल और बड़ा बड़ा कोम्पलेक्स बनाये बैठा है…
पहले सुनते थे राजनीति सेवा है अब राजनीति बिज़नस हो गया है…मुखिया, विधायक, मंत्री बनने के बाद उनकी और उनके रिश्तेदारों और दोस्ती की संपत्ति और बिज़नस बढ़ने लगता है इसलिए हमारे बिहार में जब जॉब नहीं मिलता या लगता है बेरोजगार हो रहे है तो राजनीति करना शुरू कर देते है. मतलब लोग व्यवसाय और पैसे कमाने के लिए ही राजनीति में आने लगे है हमें ऐसे लोगों वोट देकर जिताते रहना चाहिए.
किसी भी दल में प्रवेश मिल जाए सब एक है बस जाती, समुदाय और धर्म अलग अलग होते है..बस इन्हीं मुद्दों को लेकर राजनीति शुरू कर देते है. जिसकों अपने जाती, धर्म पर पकड़ नहीं उसको जनता वोट भी नहीं देती…आम आदमी भी का करे वह अपने जाट और धर्म को आधार बनाकर लगातार वोट देते रहता है कि कभी न कभी तो मेरी जाती और मेरा धर्म वाला मुझे मदद करेगा. मदद करता भी है लेकिन जब चुनाव नजदीक होता है तो अपने जात और धर्म के मुद्दों को भाषणों में खूब जोड़ से उठाता है सुन हमारा भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है…
मैं तो यही चाहता हूँ की हमलोग पार्टी नहीं व्यक्ति को वोट दे भले वह दबंग न हो, हमारा काम न करवा पाए लेकिन राजनीति में आने के बाद बिज़नस न शुरू कर दे…राज्य और गाँव के बारे में सोचने वाले को अपना नेता चुने…
Article Source ~ DBN