बिहार में घोटालों का दौर जारी, अब हुआ एक और बड़ा घोटाला…
नगर परिषद शेखपुरा में विभिन्न योजनाओं में घोटाला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. कभी कम्बल घोटाला तो कभी अलाव घोटाला अब इसके बाद बिजली खंभों पर लगनेवाली एलईडी बल्ब घोटाला भी सामने आया है. इस घोटाले के सामने आते ही सीपीआई ने मोर्चा खोल दिया है. सीपीआई के जिला सचिव प्रभात कुमार पांडेय ने कहा कि नगर परिषद ने शहर के बिजली खंभों पर एलईडी बल्ब लगाने के नाम पर लाखों का घोटाला किया है.
उन्होंने इस घोटाले की जांच उच्च स्तरीय टीम से कराने की मांग मुख्य मंत्री से की है. उन्होंने कहा कि एक साल में बिजली खंभों पर तीन बार कीमती एलईडी बल्ब बदले जाते हैं. पहले 30 वाट के 250 एलईडी बल्ब जिसकी कीमत प्रति बल्ब 4000 बताई गई है उसे बिजली खम्भों पर लगाया गया था. अभी उसे लगाए एक साल भी नहीं गुजरे कि फिर उन सभी 30 वाट के सभी बल्बों को बिजली खम्भो पर से उतरवा लिया गया. अब उसके जगह पर 90 वाट के एलईडी बल्बों को कुछ बिजली खम्भों पर लगाया गया है और उसकी कीमत प्रति एलईडी बल्ब 9500 के करीब है. ये भी बल्ब बिजली खम्भों की केवल शोभा बढ़ा रहे हैं.
प्रभात ने कहा कि बायपास रोड में कुछ बिजली के खम्भों पर 90 वाट के एलईडी बल्ब तो जरूर लगा दिये गये है लेकिन एक दिन भी वे नहीं जले है. इतना ही नही नगर परिषद एलईडी बल्ब की खरीदारी के नाम पर बल्ब के वास्तविक कीमत से दुगुना की स्टीमिट बनाकर सरकारी राशि की बिल की निकासी की है जो बड़े पैमाने पर घोटाला है. इससे पहले भी सीएफएल बल्ब की खरीदारी में घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद में बल्ब खरीद के नाम पर लाखों का घोटाला किया गया है. इसकी उच्च स्तरीय टीम से जांच होनी चाहिए वहीं इस मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि बिजली खम्भों पर लगाये गए एलईडी बल्ब नहीं जलते तो उसके लिए बिजली मिस्त्री लगाए गए हैं. रही बात बिजली खम्भो पर से खोले गए पुराने 30 बाट के 250 एलईडी बल्बों की तो उन्हें हर वार्ड के गली के बिजली खम्भों में लगा दिए गए हैं. इधर कई वार्ड पार्षदों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि 30 वाट वाले एलईडी बल्ब किसी भी वार्ड के गली के बिजली खम्भों पर नहीं लगाए गए हैं. इसकी जांच तो कोई भी कर ले सकता है.
Article Source ~ DBN