2017 से पहले लालू राज में भी हुए है , सबसे अधिक छात्र फेल
कल बिहार बोर्ड बारहवीं का रिज़ल्ट घोषित होने के साथ ही परीक्षार्थियों का बुरा हाल हो गया । इस बार बोर्ड परीक्षा में भारी संख्या में छात्र फेल हुए । सांइस और आर्ट्स में फेल होने वालों का आँकड़ा ज़्यादा है । बिहार बोर्ड इंटरमीडियट 2017 का परिणाम फेल छात्रों के मामले में इतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज करता नजर आ रहा है ।
बता दें कि बिहार बोर्ड 12वीं के रिजल्ट का सबसे खराब साल 1996 को माना जाता है । उस वर्ष हाईकोर्ट द्वारा परीक्षा ली गयी थी । परीक्षा के दौरान कड़ी सख़्ती बरती गयी थी । परीक्षा के दौरान निगरानी के लिए वकीलों को तैनात किया गया था । वीक्षक कार्रवाई के डर से अपने तरफ से जितनी सख़्ती बरती जा सकती थी बरत रहे थे । जिसके परिणाम स्वरूप उस वर्ष साइंस संकाय से केवल 10.58 % छात्र,आर्ट्स संकाय से 64.16% छात्र तथा कॉमर्स में 39% छात्र ही पास ही पाए थे । इस वर्ष के परिणाम से तुलना करें तो 2017 इंटरमीडियट में साइंस संकाय में 30.11 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए है जो की 1996 के बाद सबसे ख़राब रिज़ल्ट साबित होता है । वहीं आर्ट्स में इस वर्ष 40% के आसपास छात्र पास हुए है 1996 से तुलना की जाए तो इस वर्ष का परिणाम आर्ट्स संकाय के लिए सबसे खराब रिजल्ट रिकॉर्ड करता है । उसके अलावा कॉमर्स संकाय का रिज़ल्ट अन्य दोनों संकायों के अपेक्षाकृत काफी अच्छा रहा ,कॉमर्स में इस वर्ष 73.76% छात्र पास हुए है । 1996 के बाद कॉमर्स का सबसे खराब रिजल्ट पिछले वर्ष यानी 2016 में रिकॉर्ड किया गया था जो कि 55.62% था ।