पटना के क्वालिटी कॉर्नर के मालिक ने 70 फीसदी हिस्सा अपने कर्मचारियों को सौंप दिया

पटना के क्वालिटी कॉर्नर के मालिक सरदार महेंद्र सिंह ने ऐसी दरियादिली वाला काम किया जो शायद ही कोई कर सकता है । उन्होंने अपने मृत्यु के पहले दूकान का 70 प्रतिशत हिस्सा अपने दूकान में काम करने वाले कर्मचारी के हवाले कर दिया । सरदार के दयालु स्वभाव का सब अभी भी गुणगान गाते है ।
               सरदार का परिवार 1947 में पटना आया और पटना जंक्शन पर प्रशासन के मदद से प्रभात होटल शुरू किया । बाद में पंजाब किराना खोला । बोरिंग रोड पर फिर चाय और  टोस्ट की दूकान खोली ,जो आज क्वालिटी कॉर्नर शहर के मशहूर मिठाई के दुकानों में से एक है । जिसमें आज हर माह लाखों का मुनाफा आता है । सिख दंगों के बाद दूकान पूरी तरह खत्म हो गया था परन्तु सरदार ने अपनी मेहनत से फिर से दूकान को शिखर तक पहुँचाया ।
            सरदार अपने कर्मचारियों के भलाई में हमेशा आगे रहें । एक बार जब उनके कर्मचारी के बेटे का किडनी फेल हो गया तो वह रात भर नहीं सोए और फिर उसका इलाज दिल्ली के एम्स में ले जा कर करवाया । वहीं दूसरे कर्मचारी बताते है कि वह जब पटना काम के तलाश में में आए तो सरदार ने उन्हें अपनी दूकान पर रखा । उनका ख्याल हमेशा अपने बेटों की तरह किया । 1982 में जब दुकान में बदमाशों लूटपाट के दौरान सीने में गोली मार दी तो सरदार जी के बेटों ने एक की जगह दो-दो बोतल खून दिया।
              आज सरदार जी के बच्चे में काफी सफल है और काफ़ी ऊँची पोस्ट पर काम कर रहे है । सरदार जी की 92 की उम्र में मृत्यु हो गयी इसके पहले उन्होंने क्वालिटी कॉर्नर का 30 प्रतिशत सहयोगी, 30 प्रतिशत फैमिली एकाउंट, 20 प्रतिशत बिजनेस विस्तार, 10 प्रतिशत बिजनेस मेंटनेंस और 10 प्रतिशत कल्याण कोष के लिए बाँट दिया । आज दूकान के सारे कर्मचारी का इससे बहुत कल्याण हो रहा है ।


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