पूर्णिया की सलोनी जाएगी बंगलुरु, दीपिका पादुकोण के पिता से लेगी बैडमिंटन की ट्रेनिंग
पूर्णिया की सलोनी प्रकाश पादुकोण से सीखेगी बैडमिंटन के गुर। प्रकाश पादुकोण की बैडमिंटन एकेडमी में चार महीने की ट्रेनिंग लेगी सलोनी।
पूर्णिया जिले की जूनियर बैडमिंटन प्लेयर और बिहार अंडर-13 की स्टेट चैंपियन सलोनी अब वर्ल्ड फेमस कोच प्रकाश पादुकोण के बैडमिंटन एकादमी में बैडमिंटन के गुर सीखेगी।
शहर के महत्मा गांधी इंडोर स्टेडियम में जानकारी देते हुए जिला बैडमिंटन संघ के सचिव ई. विनोद ने बताया कि जिले के 5 जूनियर खिलाड़ी बेहतर ट्रेनिंग के लिए बंगलुरु जा रहे हैं।
इन सभी खिलाडियों को डीआईजी उपेन्द्र कुमार सिन्हा, एसपी निशांत तिवारी के मार्गदर्शन में डॉ डी राम और डॉ. एके गुप्ता, की सहयोग से चार महीने के लिए बंगलुरु भेजा जा रहा है।
ट्रेनिंग का खर्च डॉ डी राम और डॉ. एके गुप्ता उठा रहे हैं। जिनमें से सलोनी का चयन प्रकाश पादुकोण की बैडमिंटन एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए हुआ है, जबकि अन्य चार खिलाड़ी, अभी राज जो अंडर 17 के स्टेट रनर अप हैं, समीर राज, रितिक राज और आदिल हुसैन का चयन टॉम्स एकेडमी बंगलुरु में ट्रेनिंग लेंगे।
बंगलुरु जाने वाले इन 5 खिलाडियों का चयन जिले के 50 खिलाड़ियों के बीच से किया गया है। ई. विनोद बताते हैं पिछले साल डीआईजी उपेन्द्र कुमार सिन्हा के सहयोग से पूर्णिया के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद के इंटरनेशनल लेवल के कोच हर्शल सिम्पी को पूर्णिया बुलाया गया था।
कोचिंग के दौरान सिम्पी ने इन 5 खिलाड़ियों के प्रतिभा को देखते हुए इन्हें बेहतर ट्रेनिंग के लिए बाहर भेजने का अनुरोध किया था। जिसके बाद डॉ डी राम और डॉ. एके गुप्ता ने इन खिलाड़ियों को बहार भेजने का जिम्मा उठाया और संघ को खिलाडियों की मदद के लिए डेढ़ लाख रूपये की मदद की।
इस अवसर पर संघ के उपाध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार, जावेद अंजुम, डॉ. दिवाकर, सदर एसडीपीओ राज कुमार साह, वरिष्ठ खिलाड़ी नूर अंजूम मौजूद, कोच इजहार आलम के साथ सभी खिलाड़ी मौजूद थे। पूर्णिया के मधुबनी में रहने वाली और डी.ए.वी स्कूल के 8 वीं की छात्रा सलोनी कुमारी बताती है कि उसका बचपन से ही खेल के प्रति रूझान था।
हालांकि सलोनी ने 2 साल पहले ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया। उस समय उसे पता नहीं थी कि बैडमिंटन उसके जिन्दगी का अहम हिस्सा बन जाएगा। प्रकाश पादुकोण के एकेडमी में ट्रेनिंग को लेकर सलोनी बताती है कि यह किसी सपने से कम नहीं है कि इतने बड़े जगह पर जाकर ट्रेनिंग लूंगी।
यह सब मेरे कोच इजहार आलम की मेहनत का नतीजा है कि मुझे आज वहां ट्रेनिंग जाने का मौका मिला है। सलोनी आगे बताती है कि जब यहां आई थी तब सिर्फ यह पता था कि बैडमिंटन कैसे खेला जाता है।
मेरे कोच ने मेरे खेल को सुधारने और बेहतर बनाने के लिए काफी मेहनत की, जिससे न सिर्फ मेरे खेल में सुधार आया बल्कि मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा।सलोनी बताती है कि मेरी कोशिश रहेगी एकेडमी में ज्यादा से ज्यादा सीख सकूं।
दो साल पहले शुरू हुए सोनाली के सफ़र को लेकर उनके पिता अमोद कुमार सिंह बताते हैं कि एक दिन अचानक सलोनी ने घर आ कर कहा कि उसे स्कूल की तरफ से बैडमिंटन खेलने जाना है। उसके बाद सलोनी ने तय कर लिया कि बैडमिंटन में ही उसे अपना कैरियर बनाना है।
हमने भी कभी उसे खेलने से मना नहीं किया।सलोनी के खेल सुधारने और आगे बढ़ाने में कोच इजहार आलम ने काफी मदद की। पहले टूर्नामेंट के बाद सलोनी ने कभी निराश नहीं किया।पहले जिला फिर स्टेट लेवल की अंडर-13की चैम्पियन बनी। इसके साथ ही सलोनी कई नेशनल लेवल के टूर्नामेंट में भी भाग ले चुकी है।
Article Source ~ L.B