बिहार की बेटी 14 साल से छू रही है आसमान की ऊँचाइयाँ,लेकिन दिल में आज भी बिहार है समाया
आज अपने बिहार को टॉपर घोटाले जैसे मुद्दों ने घेर रखा है । जिसके कारण हमारे बिहार की असली प्रतिभा धूमिल हो जाती है । परन्तु इतिहास गवाह है कि असली बिहार क्या है । जहाँ आज भी लोग बेटियों को पढ़ाने में पीछे रहते है वहीं बिहार की एक बेटी पिछले 14 सालों से आसमान की ऊँचाइयों को छू रही है । हम बात कर रहे है पायलट तेजी सिंह की ,जो भागलपुर के नवगछिया के गोसाई गांव की रहने वाली है और वह अब तक तेजी एयरबस-320 से लेकर इंटरनेशनल फ्लाइट तक उड़ा चुकी हैं । फिलहाल वह कैप्टन कमांडर की हैसियत से एविएशन सेक्टर में सेवा दे रही हैं।
तेजी सिंह की प्रारंभिक शिक्षा मुम्बई से हुई क्योंकि उनके पिता वहीं नियुक्त थे । 1997 में एक मैगजीन में एक पायलट के बारे में पढ़कर प्रेरित हुई और पायलट बनने की ठानी । उन्होंने अहमदाबाद के एविएशन एकेडमी में ट्रेनिंग ली। परन्तु उस समय ज्यादा एयरलाइंस नहीं होने के कारण पायलट की उतनी ज्यादा नौकरी नहीं थी । फिर 2004 में सालों बाद पायलट के लिए वैकेंसी निकली जिसमें 2000 पायलटों में सिर्फ 10 - 15 पायलट का चयन हुआ जिसमें से एक तेजी झा भी थीं । फिर क्या था तेजी आसमान की ऊँचाइयों को छूती हुए आगे बढ़ती चलीं गयी और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा । एयरबस 320 में बतौर पायलट उन्होंने मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट तक भी उड़ाई है। लेकिन तेजी झा के अनुसार पटना - मुम्बई फ्लाइट की पायलट के तौर पर उन्होंने सबसे ज़्यादा यादगार पल मिला है । जब उड़ान से पहले पायलट का नाम अनाउंस में तेजी झा का नाम पुकारा जाता तो "झा" सुनकर कितने ही लोग कॉकपिट तक आकर पूछते की क्या वह बिहार से है । यह सुनकर और अपनों का प्यार पा कर तेजी को बहुत ख़ुशी महसूस होती है ।