बिहार का यह गाँव के माटी में उपजता है आईआईटीयन , 300 से अधिक...

बिहार के एक छोटे से गाँव को इंजीनियर की फैक्ट्री कह सकते है । जी हाँ गया के पटवा टोली गांव में बिना किसी सुविधा के बावजूद एक नहीं बल्कि 15 बच्चों ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता पाई है । अब तक यहां से 300 के लगभग आईआईटीयन निकल चुके हैं ।
            मिली जानकारी के अनुसार 1992 में  एक बुनकर के बेटे जितेंद्र सिंह ने आईआईटी में सफल होकर मुम्बई आईआईटी कॉलेज में दाखिला लिया । तब से ही जितेंद्र सिंह इस गाँव के आदर्श बने । सभी उनके ही नक्शे कदम पर चल कर आईआईटीयन बनने की ठानी । तब से इन 25 सालों में इस गाँव से 300 बच्चों ने आईआईटी में सफलता पाई । जिनमें से कई विदेशों की कम्पनियों में काम कर रहे है । उनके द्वारा अपने गाँव के बच्चों को आगे बढ़ने के लिए हर सम्भव मदद करते है । बताया गया कि इस गाँव के लोगों का मुख्य पेशा बुनाई का काम करना था परन्तु 90 के दशक में जब इनके दो समय की रोटी पर आफ़त आ गयी तब इन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया । फलस्वरूप आज यह गाँव आईआईटीयन का गाँव बन गया है ।


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