फर्जी सर्टिफिकेट पर बने मास्टरजी पर गिरेगी गाज

बिहार में उच्च प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लगभग 34 हजार शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की नौकरी खतरे में है । इन 34 हजार शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की सर्टिफ़िकेट की फ़ाइल गायब होने की ख़बर है ।
          मिली जानकारी अनुसार 2015 में फ़र्जी शिक्षक बहाली के ख़िलाफ़ याचिका दायर की गयी थी । जिसमें 40 हजार फ़र्जी सर्टिफ़िकेट पर शिक्षक बहाल होने का दावा किया गया था। जिसके बाद पटना हाईकोर्ट द्वारा निगरानी विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के सर्टिफ़िकेट की जाँच करने का आदेश मिला था । अब तक 3,65,152 शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों में से तीन लाख से अधिक सर्टिफिकेट की जांच हो चुकी है। फ़र्जीयों के लिए मानदेय भरने से लेकर कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है । बहाली की जिम्मेदार मुखिया आदि पर भी कार्रवाई हो सकती है । वहीं कहा गया कि यदि फ़र्जी शिक्षक खुडी इस्तीफ़ा दे दें तो उनसे राशि नहीं वसूली जाएगी । इसके बाद 3000 शिक्षकों ने इस्तीफ़ा दे दिया था । वहीं अभी 34000 शिक्षकों की फ़ाइल गायब है । निगरानी विभाग के अधिकारीयों को अभी तक वे फाइलें उपलब्ध नहीं कराई गयीं है । आंशका जताई जा रही है ऐसे में इन शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है । इन शिक्षकों की नौकरी भी जाएगी । जाँच में यह बात सामने आई कि इस फ़र्जी बहाली के पीछे  विभागीय अधिकारियों और मुखिया की मिलीभगत है ।


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