लालू यादव का घंटों इंतजार करने वाले यह अधिकारी ,पड़े उनपर ही भारी

सीबीआई प्रभारी डायरेक्टर राकेश अस्थाना एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर बड़े बड़े घोटालेबाज और क्रिमिनल्स काँपते है . राजेश अस्थाना ही लालू यादव के चारा घोटाला केस की जांच शुरू से कर रहे है . परन्तु लालू यादव राजेश अस्थाना जैसे ऑफिसर को भी पूछताछ के लिए अपने ऑफिस के बाहर इन्तजार करवाया करते थे और मिलते भी नहीं थे लेकिन राजेश अस्थाना भी कोई पीछे हटने वाले नहीं थे उनके ही द्वारा दायर की गयी चार्टशीट पर लालू यादव की गिरफ़्तारी हुई थी .
                  राकेश अस्थाना गुजरात कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अभी तक इन्होंने बड़े बड़े केस को कम समय में सुलझा कर बड़ी उपलब्धियां हासिल की है . यह काफ़ी कड़े अफसर माने जाते है और अपराधियों से सच उगलवाने के अलग अलग तकनीक अपनाने के लिए प्रसिद्ध हैं .
                 राजेश अस्थाना राकेश अस्थाना 1992-2001 तक धनबाद CBI के एसपी रह चुके हैं.  इसके बाद 2001 से 2002 तक रांची में CBI डीआइजी के रूप में काम किया है. राकेश के पास पटना और कोलकाता CBI के डीआइजी का अतिरिक्त प्रभार रहा . अस्थाना ने ही 1996 में लालू यादव के खिलाफ चार्टशीट दाखिल की जिसके बाद 1997 में उनकी गिरफ़्तारी हुई . इसके अलावा धनबाद में खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक को उन्होंने घूस लेते पकड़ा था. उस समय इतने बड़े अधिकारी पर सीबीआई की कार्रवाई का यह अकेला मामला था . वहीं राकेश अस्थाना ने 2008 में अहमदाबाद में हुए बम ब्लास्ट के केस को सिर्फ 22 दिनों के अंदर सॉल्व कर लिया था . आसाराम बापू और उसके बेटे नारायण सांईं के मामले में भी अस्थाना ने जांच की थी और अभी विजय माल्या और अगस्ताब वेस्टिलैंड घोटाले की जाँच का भार भी राजेश अस्थाना को मिला हुआ है.


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